व्यवसाय

एस्सार स्टील की नई बोली में शामिल नहीं होंगे टाटा, वेदांता ग्रुप

कोलकाता
दिवालिया अदालत में चल रही कार्यवाही के तहत एस्सार स्टील के लिए फिर से बोली मंगाने की तैयारी हो रही है, लेकिन टाटा और वेदांता ग्रुप शायद इसमें शामिल नहीं होंगे। इकनॉमिक टाइम्स ने पहले खबर दी थी कि एस्सार स्टील के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने रूस के सबसे बड़े इनवेस्टमेंट बैंक वीटीबी की न्यूमेटल और आर्सेलरमित्तल, दोनों को ही बोली के अयोग्य पाया है। पहली बार मंगाई गई बोली में यही दोनों कंपनियां दावेदार बची थीं। बैंकों को उम्मीद थी कि दूसरे दौर की बोली में अधिक कंपनियों के शामिल होने से एस्सार स्टील के लिए अधिक कीमत मिल सकती है।

एनालिस्टों का कहना है कि दिवालिया कंपनियों भूषण स्टील और भूषण पावर एंड स्टील की बोली टाटा स्टील पहले ही जीत चुकी है। अगर वह इन दोनों कंपनियों को खरीदने में सफल रहती है तो उसे 59,000 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। वह कलिंगनगर में भी अपनी कैपेसिटी बढ़ा रही है। इन सबके साथ उसकी प्रॉडक्शन कैपेसिटी 2.5-2.6 करोड़ टन सालाना हो जाएगी और वह देश की सबसे बड़ी स्टील कंपनी बन जाएगी।

उन्होंने बताया कि टाटा स्टील पर अभी 76,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जो इन सौदों की वजह से बढ़कर अगले एक-दो साल में 1.3 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। इसलिए उसकी दिलचस्पी एस्सार स्टील में शायद ना हो। हालांकि, इस बारे में टाटा स्टील ग्लोबल के सीईओ और एमडी टी वी नरेंद्रन ने मंगलवार को लंदन से बताया, ‘इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।’ हालांकि, टाटा संस के एक सूत्र ने बताया कि एस्सार स्टील में शायद ही ग्रुप दिलचस्पी दिखाए। उ‌न्होंने कहा, ‘हम पहले से ही कुछ सौदे के करीब हैं।’ इस बारे में टाटा स्टील से पूछे गए सवालों का जवाब नहीं मिला और टाटा संस के प्रवक्ता ने कमेंट करने से मना कर दिया।

एस्सार स्टील को खरीदने से पश्चिम भारत में टाटा स्टील की मौजूदगी बढ़ेगी, लेकिन एस्सार का प्लांट पुराना है। वहीं, टाटा ग्रुप की कुछ कंपनियां पहले ही पश्चिम भारत के बाजार को टारगेट कर रही हैं। एक करीबी सूत्र ने बताया कि भूषण स्टील की कैप्टिव माइंस और तुलनात्मक तौर पर उसके नए प्लांट में टाटा ग्रुप की दिलचस्पी कहीं ज्यादा है। टाटा ने भूषण पावर के लिए 24,500 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। भूषण स्टील के लिए वह 35,000 करोड़ के साथ टॉप बिडर रही है। कंपनी स्ट्रेस्ड एसेट्स को खरीदने और कर्ज घटाने के लिए 12,800 करोड़ रुपये राइट्स इश्यू से जुटा रही है।

वेदांता ग्रुप की भी एस्सार स्टील को खरीदने में दिलचस्पी नहीं है। पहली बोली के लिए उसने बिड डॉक्युमेंट लिए थे, लेकिन ग्रुप ने बाइंडिंग बिड नहीं सौंपी थी। ग्रुप के एक सीनियर सूत्र ने बताया कि एस्सार की बोली 45,000-50,000 करोड़ रुपये के बीच लगेगी। इस कीमत पर यह महंगा सौदा होगा। इसलिए वेदांता ग्रुप शायद ही इसके लिए बोली लगाए। ग्रुप के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘अगर आप मुझसे पूछें तो मैं कहूंगा कि हम एस्सार स्टील के लिए बोली नहीं लगाएंगे।’

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