व्यवसाय

जल्द ही शुरू होंगी झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना की कोयला खदानें

कोयला मंत्रालय द्वारा तीन साल पहले शुरू की गई वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के तहत अब तक 91 खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है। इन आवंटित खदानों में से छह वाणिज्यिक खदानों ने पहले ही कोयला उत्पादन शुरू कर दिया है और अन्य तीन खदान के कुछ महीनों में उत्पादन शुरू करने की संभावना है।

नीलामी के लिए चार राज्यों की 31 कोयला खदानों की पेशकश करते हुए, नीलामी का 9वां दौर हाल ही में दिसंबर 2023 में शुरू किया गया था। झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना राज्यों की कोयला/लिग्नाइट खदानों की नीलामी के नौवें दौर में सम्मिलित है। कोयला मंत्रालय ने 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई पूर्णतः पारदर्शी ऑनलाइन नीलामी के तहत अब तक नीलामी के सात दौर सफलतापूर्वक पूरे किए हैं।

उत्पादन 220.90 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) के कुल पीक रेट क्षमता स्तर पर उत्पादन को देखते हुए, नीलाम की गई खदानों से कोयला खनन के माध्यम से 33,343 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। एक बार जब ये खदानें पूरी तरह से परिचालित हो जाएंगी, तो इनसे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग तीन लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

वाणिज्यिक कोयला खनन से देश में नया निवेश आने की संभावना है और नीलामी से प्राप्त संपूर्ण राजस्व झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, बिहार और असम के कोयले वाले राज्यों को आवंटित किया जाएगा।

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