व्यवसाय

एमपी में लागू होगा फायर एक्ट, बनेगा अलग फायर विभाग

भोपाल, 20 जून।
राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन में बारह जून को लगी भीषण आग से 24 करोड़ के नुकसान के बाद अब इस अग्निकांड की जांच करने वाली समिति ने भविष्य में इस तरह की अग्निदुघटनाओं को रोकने के लिए एमपी में फायर एक्ट लागू करने, अलग से फायर विभाग बनाने और सभी संभागीय मुख्यालयों पर एसडीईआरएफ की फायर की आपदा से निपटने की इकाई गठित करने की सिफारिश की है।
सूत्रों के मुताबिक जो एसडीईआरएफ की फायर की आपदा से निपटने इकाईयां शुरु की जाएंगी उनमें अत्याधुनिक मशीनें एवं उपकरण प्रदाय कर बहुमंजिला भवनों की अग्निशमन हेतु विशेषज्ञता प्रदाय की जाएगी। वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के केपिटली प्रोजेक्ट के पास अग्निशमन की जिम्मेदारी है।शहरी क्षेत्रों में नगरीय प्रशासन विभाग अपनी दमकलों के जरिए अग्नि सुरक्षा का काम देखता है। लेकिन सभी तरह की अग्नि दुर्घटनाओं के मामले में प्रारंभिक सुरक्षा से लेकर आपदा नियंत्रण पर केन्द्रीयकृत नियंत्रण वाला कोई अलग विभाग मध्यप्रदेश में नहीं है। उड़ीसा, कर्नाटक, केरल, दिल्ली और आंध्रप्रदेश में इसके लिए अलग विभाग है इन्हीं की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी अगि से फायर विभाग खोले जाने की सिफारिश समिति ने की है।
ई आॅफिस का उपयोग बढ़ेगा-
ई आॅफिस प्रणाली का प्रसार मंत्रालय के साथ साथ अधीनस्थ विभागाध्यक्ष कार्यालयों और अन्य कार्यालयों में भी समयबद्ध कार्यक्रम के अंतर्गत किया जाना चाहिए ताकि कभी भी डॉटा रिकवर किया जा सकेगा। लोक निर्माण विभाग एवं राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा सतपुड़ा तथा विंध्याचल भवनों के पूर्ण नवीनीकरण तथा विद्युत व्यवस्था के सुधार के प्रस्ताव सक्षम स्तर पर परीक्षण के बाद स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
बहुमंजिला भवनों में भवन संधारण समिति बनेगी-ऐसे सभी बहुमंजिला भवन जहां एक सके अधिक शासकीय कार्यालय संचालित होते है, उनके लिए विभिन्न कार्यालयों से प्रतिनिधि का नामांकन प्राप्त कर एक भवन संधारण समिति गठित की जाएगी। भवन के संधारण एवं नीतिगत निर्णयों के लिए उस भवन में कार्यरत वरिष्ठतम अधिकारी को उस समिति में अध्यक्ष के रुप में नियुक्त किया जाएगा। इन भवनों के लिए संधारण एजेंसी की ओर से एक प्रभारी अधिकारी अभियंता नियुक्त होना चाहिए। दोनो प्रभारी अधिकरियों की अनुमति से ही कार्यालीय के संपूर्ण भाग या अंश में या केबिन में कोई भी मरम्मत, सुधार सौंदर्यीकरण या उपकरण लगाए जाने के संबंध में अनुमति देने के बाद ही काम किया जाएगा।
स्ट्रक्चर हेल्थ असिसमेंट में हरी झंडी तो चालू होंगे जले हुए कक्ष-
पश्चिमी विंग के भूतल-प्रथम तल, द्वितीय तल के कार्यालय को लोक निर्माण विभाग की उप समिति द्वारा स्ट्रक्चर हेल्थ असिसमेंट के बाद भवन संरचना आग के उपरांत भी गुणवत्तापूर्ण रहने का प्रतिवेदन प्राप्त होंने के बाद विद्युत व्यवस्था तथा आवश्यक सुधार के बाद चालू किए जा सकेंगे।
साल में एक बार फायर सेफ्टी के मानकों की पूर्ति-
भोपाल स्थित बहुमंजिला शासकीय कार्यालयों का सचिव जीएडी की अध्यक्षता में और भोपाल के बाहर स्थित समस्त बहुमंजिला शासकीय भवनों में संभागायुक्त की अध्यक्षता में साल में एक बार तकनीकी अध्ािकारियों के साथ भ्रमण कर फायर सेफ्टी के कानमों की पूर्ति का आंकलन कर कमियों को दूर किए जाने की कार्यवाही की जाएगी। बहुमंजिला भवनों मे ंफायर अलार्म सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, कामन स्पेस में टूटा फर्नीचर, कचरा, रिकार्ड रखना पूर्णत: प्रतिबंधित होगा।
इंटीरियर सामग्री के उपयोग की बनेगी सहिंता-
आधुनिक बहुमंजिला भवनों में सामग्री उपयोग की संहिता बनेगी। अग्निरोधक इंटीरियर और अन्य सामग्री का उपयोग किया जाएगा। उच्च कोटि की आईएसआई मार्का सामग्री का उपयोग किया जाएगा। साल में एक बार विद्युत स्थापना का परीक्षण विद्युत सुरक्षा विभाग से कराकर प्रमाणपत्र लिया जाएगा। विद्युत भार का आंकलन नवीन उपकरण स्थापित करने से पहले किया जाएगा। फायर एक्जिट प्लजान स्पष्ट रुप से प्रदर्शित करना होगा। पर्याप्त फायर एक्सटिग्युसर स्थापित किए जाएंगे।
सायबर सेल ने तीन कर्मचारियों के मोबाइल जप्त का की जांच-
अग्नि दुघटना के समय टीएंड डीपी के जो तीन कर्मचारी वहां सबसे पहले मौजूद थे सायबर पुलिस ने उनके मोबाइल जप्त कर उनकी काल डिटेल, एसएसएस, वाटसएप और डिलीट किए गए संदेशों की भी जांच की सीडीआर में हार्ड डिस्क में इस रिकार्ड को सुरक्षित रखा गया है हालाकि इसमें कोई संदिग्ध संदेश नहीं मिला।
सीढ़ियों पर रखे रिकार्ड, फर्नीचर के कारण दूसरी मंजिलों पर पहुंची आग-तीसरी मंजिल से आग सीढ़ियों पर रखे टूटै फर्नीचर और फाइलों के बंडल के जरिए पहुंची। इसीलिए भविष्य में कामन स्पेस पर अनुपयोगी सामग्री रखना प्रतिबंधित होगा।
सहायक यंत्री और उपयंत्री पर कार्रवाई की सिफारिश-
लोक निर्माण विभाग के राजधानी परियोजना प्रशासन के एक सहायक यंत्री (एसडीओ)और एक उपयंत्री जिनकी जिम्मेदारी भवन की सुरक्षा व्यवस्था के नियमित परीक्षण की थी उनकी लापरवाही सामने आई है और उनके खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश की गई है।

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